आस्था का महासैलाब महाकाल नगरी में, नववर्ष पर करीब 15 लाख श्रद्धालुओं की रहेगी भीड़... प्रशासनिक व्यवस्थाएं अग्निपरीक्षा पर...
30 दिसंबर 2025
उज्जैन
उज्जैन (निरंजन उदीवाल) । जाते हुए वर्ष 2025 और आते अंग्रेजी नववर्ष 2026 के संगम पर उज्जैन एक बार फिर आस्था के विराट केंद्र के रूप में उभर रहा है। भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन के अनुमान के अनुसार 31 दिसंबर और 1 जनवरी को मिलाकर 12 से 15 लाख श्रद्धालु उज्जैन पहुंच सकते हैं। बढ़ती भीड़ ने यह साफ कर दिया है कि इस बार नववर्ष प्रशासनिक व्यवस्थाओं की अग्निपरीक्षा लेकर आएगा।
इन दिनों महाकाल मंदिर क्षेत्र की स्थिति यह है कि कई समयों पर श्रद्धालुओं की भीड़ से मार्ग जाम हो जाते हैं। सांदीपनि आश्रम के सामने पार्किंग और सड़क किनारे ऑटो व ई-रिक्शाओं के अनियंत्रित जमावड़े से मंगलनाथ जाने वाले मार्ग पर आवागमन बाधित हो रहा है। स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं दोनों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है।
नववर्ष की संभावित भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने विस्तृत वाहन पार्किंग एवं यातायात योजना लागू की है। चार पहिया वाहनों के लिए इंदौर, देवास और मक्सी मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहा होते हुए हरिफाटक चौराहा और लालपुल टर्निंग से कर्कराज पार्किंग, इंटरप्रिटेशन सेंटर पार्किंग तथा भील समाज पार्किंग में वाहन खड़े करने की व्यवस्था की गई है। इन पार्किंग स्थलों के भरने की स्थिति में हरिफाटक चौराहा स्थित मनंत गार्डन, इंपीरियल होटल के पीछे तथा हरिफाटक ब्रिज के नीचे वैकल्पिक पार्किंग का उपयोग किया जाएगा।
बड़नगर और नागदा मार्ग से आने वाले चार पहिया वाहन मोहनपुरा ब्रिज, मुरलीपुरा और शंकराचार्य चौराहा होते हुए सीधे कार्तिक मेला मैदान में पार्क कराए जाएंगे। वहीं आगर मार्ग से आने वाले वाहन मकोड़ियाआम, खाक चौक, जाट धर्मशाला और जूना सोमवरिया होते हुए कार्तिक मेला मैदान तक पहुंचेंगे। यदि कार्तिक मेला मैदान की पार्किंग पूरी तरह भर जाती है, तो वाहनों को कृषि उपार्जन मैदान में पार्क कराया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरिफाटक चौराहा से चारधाम टर्निंग तक नगर निगम द्वारा बस सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
दो पहिया वाहनों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। इंदौर, देवास और मक्सी मार्ग से आने वाले दो पहिया वाहन भील समाज और ककराज पार्किंग में खड़े किए जाएंगे, जबकि बड़नगर, आगर और नागदा मार्ग से आने वाले दो पहिया वाहन हरिसिद्धि पाल पार्किंग में पार्क होंगे। हरिसिद्धि पाल पार्किंग भरने की स्थिति में शंकराचार्य चौराहा के पास स्थित गुरुद्वारा भूमि को वैकल्पिक पार्किंग स्थल बनाया गया है।
भीड़ नियंत्रण के लिए 31 दिसंबर की सुबह 4 बजे से कई प्रमुख मार्गों पर तीन और चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही भारी वाहनों के लिए अलग-अलग डायवर्जन रूट तय किए गए हैं, ताकि शहर के भीतर यातायात दबाव न बढ़े और श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारु बनी रहे।
कुल मिलाकर, उज्जैन में नववर्ष केवल उत्सव नहीं बल्कि व्यवस्थाओं की कसौटी भी है। आस्था का यह सैलाब थमेगा नहीं, लेकिन यदि निर्धारित पार्किंग और यातायात नियमों का पालन किया गया तो महाकाल नगरी नए साल पर अव्यवस्था नहीं, बल्कि अनुशासन और श्रद्धा की मिसाल बन सकती है।




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