गर्म जल के आधार पर 31 उपवास की ओर अग्रसर रश्मिता चन्द्रावत - बिना संतों की उपस्थिति के अद्वितीय तपस्या...
31 जुलाई 2025
उज्जैन
महिदपुर (✍️निरंजन उदीवाल)। झारड़ा नगर की धर्मनिष्ठ रश्मिता चन्द्रावत इन दिनों आध्यात्मिक साधना की एक कठिन और अद्वितीय यात्रा पर अग्रसर हैं। उन्होंने बिना किसी साधु-संत की प्रत्यक्ष उपस्थिति के गर्म जल पर आधारित कठोर 31 उपवास का संकल्प लिया है, जो संपूर्ण जैन समाज में प्रेरणा और आश्चर्य का विषय बन गया है।
विशेष बात यह है कि इस वर्ष झारड़ा में किसी भी साधु-संत का चातुर्मास नहीं है, फिर भी श्री ज्ञानगच्छाधिपति सूत्रधार पंडित रत्न श्रीश्री 1008 प्रकाशमुनिजी मसा के आज्ञानुवर्ती, वर्तमान में शाजापुर में विराजमान श्री जम्बुमुनिजी मसा से प्रेरणा प्राप्त कर रश्मिता ने यह व्रत धारण किया है।
रश्मिता, जो कमलाबाई मुन्नालाल चन्द्रावत की पुत्रवधू व संजय चन्द्रावत की धर्मपत्नी हैं, ने स्वयं शाजापुर जाकर श्री जम्बुमुनिजी मसा से उपवास के पचखान लिए। उनका लक्ष्य है - 31 उपवास की पूर्णता, जिसे लेकर वे मानसिक और आध्यात्मिक रूप से पूर्णतः समर्पित हैं।
इस संकल्प और दृढ़ तपस्या से न केवल झारड़ा, बल्कि महिदपुर सहित संपूर्ण क्षेत्र के जैन समाज में हर्ष और गौरव का वातावरण है। ऐसे समय में जब अधिकांश लोग सुविधा की ओर भागते हैं, रश्मिता का यह आचरण न केवल तप का उदाहरण है, बल्कि समाज को संयम, श्रद्धा और आत्मबल की भी गूढ़ प्रेरणा देता है।





Comments (0)