झाबुआ कांग्रेस में जिलाध्यक्षी बदली... लेकिन फिल्म वही पुरानी...
16 अगस्त 2025
झाबुआ
झाबुआ की कांग्रेस में नया जिलाध्यक्ष बनते ही चौराहों पर चर्चाओं का धंधा जम गया। पान की गुमटी से लेकर चाय की टपरी तक हर जगह बस एक ही सवाल गूंज रहा है...
यार... कोई नया चेहरा नहीं मिला क्या...
एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने चुटकी ली...
कांग्रेस की जिलाध्यक्षी तो टीवी सीरियल जैसी हो गई है... हीरो-हीरोइन वही रहते हैं... बस एपिसोड का नंबर बदल जाता है...
दूसरा बोला...
भाई... अगर नया चेहरा आता तो कांग्रेस में ऑक्सीजन आती... वरना अब तो हालत यह है कि पार्टी को वेंटिलेटर पर डाल दिया गया है... और डॉक्टर भी भगवान ही है...
दरअसल... कांग्रेस ने फिर से वही सफेदपोश चेहरा जिलाध्यक्ष बना दिया... जिसे लोग चुनावी मौसम में ही देखते हैं। आम कार्यकर्ता अब सोच रहा है कि उसका क्या... मेहनत हमारी... मज़ा किसी और का... जैसे किसान हल चलाए और फसल कोई और काट ले...
झाबुआ की जनता भी कम नहीं। एक चायवाले ने हंसते-हंसते कहा...
कांग्रेस का जिलाध्यक्ष पद ATM मशीन जैसा है... कार्ड बदलो या पिन बदलो... नोट वही पुराने निकलते हैं...
एक नौजवान बोला...
कांग्रेस के इस फैसले से तो लगता है... पार्टी अब युवाओं को नेता नहीं... सिर्फ नारियल फोड़ने वाला समझती है...
अब कार्यकर्ताओं के मन में सवाल है... क्या कांग्रेस में बदलाव का मतलब सिर्फ बैनर पर नई फोटो चिपकाना है... या फिर बदलाव वाकई जमीनी चेहरों को मौका देने में है...
फिलहाल तो झाबुआ की कांग्रेस की यह नई नियुक्ति एक कॉमेडी शो जैसी लग रही है... जिसमें दर्शक पेट पकड़कर हंस रहे हैं और कलाकार खुद को गंभीर नेता मान रहे हैं...
बाकी जनता ने तो साफ कह दिया...
चेहरा वही... कहानी वही... कांग्रेस का भविष्य अब भगवान भरोसे ही सही...





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