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एमपी पुलिस भर्ती में चौंकाने वाला मोड़... 900 चयनित अभ्यर्थियों ने नियुक्ति आदेश के बाद भी नहीं की ज्वॉइनिंग... सिस्टम की जड़ें हिलाने वाला खुलासा...

22 नवम्बर 2025

भाेपाल

भाेपाल। मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती के विशाल कैनवास पर अचानक उभरी यह घटना पूरे तंत्र को झकझोर देती है... एक तरफ सरकारी नौकरी की कतारें लंबी होती जा रही हैं... प्रतियोगिता हर साल नई ऊंचाइयों को छू रही है... और दूसरी तरफ वही तस्वीर धुंधली पड़ जाती है जब चयनित 900 अभ्यर्थी नियुक्ति आदेश मिलने के बाद भी ज्वॉइन करने नहीं पहुंचते...

ये सिर्फ आंकड़ा नहीं... बल्कि सिस्टम की नब्ज पर रखा गया एक सवाल है...

वर्ष 2023 में निकली 7500 पदों की भर्ती ओबीसी आरक्षण विवाद में उलझकर 13 प्रतिशत पद रोकने पड़ी... बचे हुए करीब 6400 अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी हुए... और फिर सामने आता है यह हैरतअंगेज सच... 900 लोग बिना बताए गायब...

कहा जा रहा है कि कुछ को शायद कहीं और बेहतर नौकरी मिल गई होगी... पर इस तर्क की परतें तब फटने लगती हैं जब जांच में सामने आता है कि ज्वॉइन न करने वालों में बड़ी संख्या उन लोगों की भी है जिन्होंने परीक्षा में खुद की जगह सॉल्वर... यानी किराए के दिमाग... बैठाए थे... दस्तावेज़ सत्यापन की दस्तक ने उनका खेल उजाड़ दिया और वे ज्वॉइनिंग से औंधे मुंह पीछे हट गए...

इसी भर्ती में अब तक 50 फर्जी अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है... लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती... विभाग ने अब उन 900 अभ्यर्थियों को भी जांच के दायरे में ले लिया है...
उनके आधार अपडेट के रिकॉर्ड... बार... बार किए गए बायोमैट्रिक बदलाव... एक लंबी स्याह परछाईं की तरह शक पैदा कर रहे हैं... अधिकारियों का कहना है कि सभी को तलब किया जाएगा... और पकड़े गए सॉल्वरों से मिले सुरागों के आधार पर अन्य राज्यों तक भी जांच का दायरा फैलेगा...

उधर आरक्षित वर्गों में प्रतीक्षा सूची खाली पड़ गई... नतीजा यह हुआ कि विभाग सिर्फ 325 पद ही भर पाया... बाकी पद अधूरे पन्नों की तरह फाइलों में पड़े हैं...

900 चयनित अभ्यर्थियों का एक साथ ज्वॉइन न करना... परीक्षा तंत्र में फैला फर्जीवाड़ा... और भर्ती प्रक्रिया पर उठते नए सवाल...
ये सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर बना देते हैं जिसके सामने पुलिस विभाग के लिए यह भर्ती सिर्फ प्रक्रिया नहीं... बल्कि विश्वसनीयता की परीक्षा बन गई है...

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