विश्वकर्मा समाज ने उठाया एकजुटता का कदम... केंद्रीय संचालन समिति की अंतरिम सूची जारी... समाज के संगठनात्मक पुनर्निर्माण की शुरुआत...
15 दिसंबर 2025
उज्जैन/झाबुआ।
उज्जैन। ✍️ ऋतिक (नवीन) विश्वकर्मा । श्री विश्वकर्मा गुजराती सुतार समाज की केंद्रीय संचालन समिति की अंतरिम सूची जारी कर दी गई है… इस सूची के साथ ही समाज को संगठित और सशक्त दिशा देने की औपचारिक शुरुआत मानी जा रही है… लंबे समय से संगठनात्मक विस्तार और एकीकृत ढांचे की आवश्यकता महसूस की जा रही थी जिसे अब मूर्त रूप दिया गया है…
जारी अंतरिम सूची में मालवा अंचल के लगभग सभी प्रमुख जिलों को समाहित किया गया है… उज्जैन, इंदौर, देवास, धार, शाजापुर, आगर, मालवा, रतलाम, झाबुआ अलीराजपुर सहित अनेक जिलों से केंद्रीय जिला और तहसील स्तर तक जिम्मेदारियां तय की गई हैं… इससे यह स्पष्ट होता है कि संगठन केवल कागजी नहीं बल्कि जमीनी स्तर तक सक्रिय रहने की योजना के साथ आगे बढ़ रहा है…
केंद्रीय स्तर पर संचालन समिति के गठन के साथ ही संरक्षक, मार्गदर्शक परामर्शदाता, मीडिया, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि, लेखा और संगठन विस्तार जैसी विभिन्न समितियों का भी गठन किया गया है… जिला और तहसील प्रभारियों की घोषणा कर यह संकेत दिया गया है कि समाज की गतिविधियां अब केवल बैठकों तक सीमित नहीं रहेंगी बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी…
अंतरिम सूची में महिला सहभागिता को भी विशेष स्थान दिया गया है… केंद्रीय महिला सक्रिय सदस्यों की घोषणा यह दर्शाती है कि विश्वकर्मा समाज संगठनात्मक जिम्मेदारी में महिलाओं की भूमिका को मजबूती से स्वीकार कर रहा है… इसे समाज में बदलती सोच और आधुनिक संगठनात्मक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है…
सूची को अंतरिम बताते हुए यह भी स्पष्ट किया गया है कि आवश्यकता अनुसार इसमें संशोधन और विस्तार किया जाएगा… समय के साथ संगठन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए दायित्व जोड़े जा सकते हैं… यह लचीलापन संगठन को स्थायित्व और निरंतरता प्रदान करेगा…
विश्वकर्मा समाज से जुड़े लोगों का मानना है कि यह पहल समाज के लिए निर्णायक साबित हो सकती है… शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार सामाजिक सम्मान और अधिकारों जैसे मुद्दों पर संगठित प्रयास किए जा सकेंगे… वर्षों से अलग अलग बिखरी समाजिक शक्ति अब एक मंच पर दिखाई देने लगी है…
कुल मिलाकर केंद्रीय संचालन समिति की यह अंतरिम सूची विश्वकर्मा समाज के संगठनात्मक पुनर्निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है… आने वाले समय में इसी ढांचे के माध्यम से समाज की आगे की रणनीति और गतिविधियां तय की जाएंगी…





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