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शेषशायी कॉलेज पाँच सदस्यीय जाँच समिति के शिकंजे में, जनभागीदारी समिति अध्यक्ष की शिकायत पर कार्रवाई, प्रेसवार्ता में पेश किए गए प्रमाण...

16 दिसंबर 2025

नागदा जंक्शन

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने गठित की जाँच समिति 

एमपी जनमत विशेष संवाददाता ✍️ कैलाश सनोलिया

 

नागदा। विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन के अधीन नागदा में संचालित शेषशायी कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज अब गंभीर आरोपों के चलते जाँच के घेरे में आ गया है। कॉलेज पर कथित अनियमितताओं, भ्रामक विज्ञापनों, फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विश्वविद्यालय को गुमराह करने तथा फर्जी प्राध्यापकों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। यह शिकायत शासकीय कन्या महाविद्यालय नागदा की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा की गई है।

 

पाँच सदस्यीय जाँच समिति का गठन

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने पाँच सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया है। समिति में निम्न सदस्यों को शामिल किया गया है -

 

  • प्रो. उमा शर्मा — आचार्य, रसायन अध्ययनशाला
  • प्रो. डी. एम. कुमावत — निदेशक, महाविद्यालयीन विकास परिषद
  • प्रो. एस. के. मिश्रा — अधिष्ठाता, विद्यार्थी कल्याण एवं क्रियान्वयन
  • प्रो. राजेश टेलर — आचार्य, सांख्यिकी अध्ययनशाला
  • प्रो. वंदना गुप्ता — प्राचार्य, शासकीय कालिदास कन्या अग्रणी महाविद्यालय, उज्जैन

 

इस संबंध में विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव (अकादमिक) रविशंकर सोनवाल द्वारा समिति सदस्यों को आदेश जारी किए गए हैं, जिसकी प्रति संवाददाता के पास सुरक्षित है।

 

प्रेसवार्ता में रखे गए प्रमाण

शिकायतकर्ता श्री कुशवाह ने इस मामले को लेकर एक प्रेसवार्ता आयोजित की, जिसमें प्रत्येक आरोप से संबंधित दस्तावेज व प्रमाण प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित किए गए। पत्रकारों को इन प्रमाणों की प्रतियां भी उपलब्ध कराई गईं। उल्लेखनीय है कि कॉलेज के संचालक धर्मेंद्र गुप्ता हैं।

 

शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोप

 

1. बिना अनुमति पाठ्यक्रमों का विज्ञापन
21 जून 2025 को एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में कॉलेज द्वारा बीबीए एवं एमबीए पाठ्यक्रम संचालन का विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जबकि इन पाठ्यक्रमों की शासन एवं विश्वविद्यालय से मान्यता नहीं है। इस संबंध में विश्वविद्यालय ने कॉलेज प्राचार्य से स्पष्टीकरण भी माँगा है।

2. प्राचार्य पद से संबंधित कथित फर्जीवाड़ा

वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में विश्वविद्यालय में जमा अभिलेखों में डॉ. सैय्यद खालिदा को प्राचार्य बताया गया, जबकि वे वर्तमान में शासकीय विद्यालय में पदस्थ हैं। आरोप है कि एक ही व्यक्ति को दो संस्थाओं से वेतन भुगतान दर्शाया गया।

3. फर्जी प्राध्यापकों की सूची प्रस्तुत करने का आरोप
वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत की गई शिक्षक सूची में वर्ष 2009 के नाम शामिल हैं। सूची में ऐसे व्यक्तियों के नाम हैं जो स्थानीय उद्योगों में कार्यरत हैं। आरोप है कि मान्यता हेतु फर्जी रिकॉर्ड प्रस्तुत किया गया।

4. खेल मैदान संबंधी अनियमितता
लगभग 22 वर्ष पुराने कॉलेज का स्वयं का खेल मैदान नहीं है। हर वर्ष अलग-अलग संस्थानों/व्यक्तियों की भूमि के अनुबंध दिखाकर मान्यता ली जा रही है।

5. भवन भूमि संबंधी विसंगति
कॉलेज भवन की भूमि 26.5 × 110 वर्गमीटर दर्शाई गई है, जबकि उसी भवन में एक निजी बैंक भी किराए पर संचालित है।

6. परीक्षा में नकल के आरोप
दस्तावेजों में 32 सीसीटीवी कैमरे दर्शाए गए हैं, लेकिन परीक्षा के समय कैमरे बंद पाए जाने का आरोप है। प्रेसवार्ता में नकल से संबंधित एक कथित वीडियो भी दिखाया गया।

7. अन्य कॉलेज की संबद्धता में झूठे शपथपत्र
संचालक द्वारा संचालित वर्धमान कॉलेज की संबद्धता के लिए कथित रूप से फर्जी शपथपत्र प्रस्तुत किए गए।

8. हाईकोर्ट को गुमराह करने का आरोप
फर्जी समिति सचिव के नाम से याचिका दायर कर न्यायालय को गुमराह किए जाने का आरोप लगाया गया।

9. कॉलेज समितियों में परिवारजनों की नियुक्ति

10. छात्रवृत्ति में फर्जी आवेदन
छात्रों से कथित रूप से झूठे छात्रवृत्ति आवेदन कराए जाने का आरोप है।

(उपरोक्त सभी आरोपों से संबंधित दस्तावेज प्रेसवार्ता में प्रदर्शित किए गए।)


इनका कहना

 

“शेषशायी कॉलेज के विरुद्ध प्राप्त शिकायत पर कुलपति द्वारा जाँच के आदेश दिए गए हैं। पाँच सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति की पिछली बैठक 25 नवंबर को हुई थी, अगली बैठक शीघ्र होगी।”


रविशंकर सोनवाल
उपकुलसचिव (अकादमिक),

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन

 

प्रेसवार्ता एवं शिकायत में लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।


धर्मेंद्र गुप्ता
संचालक,

शेषशायी कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, नागदा

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