झाबुआ मीडिया ट्रॉफी-2, कलम से मैदान तक का सफर…
20 दिसंबर 2025
झाबुआ
झाबुआ। जहां आम तौर पर पत्रकारों की पहचान हाथ में कलम व डायरी और आंखों में सवालों से होती है… वही झाबुआ के कॉलेज मैदान पर इन दिनों तस्वीर कुछ अलग ही है… यहां वही पत्रकार बल्ला थामे हुए हैं… पसीना बहा रहे हैं… और हर रन के साथ यह साबित कर रहे हैं कि पत्रकारिता सिर्फ लिखने का पेशा नहीं… बल्कि जीने का सलीका भी है…
झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले के पत्रकारों के लिए आयोजित झाबुआ मीडिया ट्रॉफी - 2 के दूसरे दिन शनिवार 20 दिसंबर को मैदान पूरे जोश और उत्साह से गुलजार रहा… दिनभर चले मुकाबलों में कुल 5 मैच खेले गए… हर मैच में प्रतिस्पर्धा थी… रोमांच था… और सबसे बड़ी बात… आपसी भाईचारे की भावना थी…
दूसरे दिन के शुभारंभ अवसर पर आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे… उनके साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका तथा सामाजिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. नीरजसिंह राठौर मंचासीन रहे… अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर आयोजन का शुभारंभ किया… पत्रकार साथियों द्वारा पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया…
अपने उद्बोधन में विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि पत्रकार आम तौर पर अपने कर्तव्यों में इतने उलझे रहते हैं कि स्वयं के लिए समय निकालना कठिन हो जाता है… ऐसे में खेल के माध्यम से स्वयं को तरोताजा करना और प्रतिभाओं को निखारना काबिल ए तारीफ है… पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं… वे समाज के सामने सच्चाई को निर्भीकता से रखते हैं… खेलों से उनका शारीरिक और मानसिक संतुलन बेहतर होगा और यही संतुलन पत्रकारिता को और धार देगा…
जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका ने कहा कि खेलों में सहभागिता से पत्रकारों में ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है… इससे वे अपने दायित्वों को और अधिक प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं…
सामाजिक महासंघ जिलाध्यक्ष डॉ. नीरजसिंह राठौर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि खेल को केवल मनोरंजन समझना भूल होगी… यह शरीर और मन दोनों को मजबूत करने का माध्यम है… पत्रकारों को चाहिए कि वे खेलों को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं… ताकि कलम की धार के साथ शरीर की ताकत भी बनी रहे…
उद्बोधन के पश्चात अतिथियों ने मैदान में उतर रही टीमों के खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया… उनका हौसला बढ़ाया… और स्वयं भी खेल का आनंद लिया…
आयोजकों भूपेन्द्रसिंह गौर और पियूष गादिया ने बताया कि आयोजन को सफल बनाने में सभी पत्रकारों का सहयोग सराहनीय रहा… इस अवसर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष जितेन्द्रसिंह राठौर… एनएसयूआई जिलाध्यक्ष नरवेश अमलियार… युवा कांग्रेस से हेमेन्द्र बबलू कटारा… पार्षद रशीद कुरैशी… पार्षद प्रतिनिधि दीपू डोडियार… कांग्रेस सामाजिक प्रकोष्ठ जिला संयोजक जितेन्द्र शाह सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे…
दूसरे दिन खेले गए मुकाबलों में पहला मैच झाबुआ मीडिया-ई और झाबुआ मीडिया-एफ के बीच हुआ… टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए झाबुआ मीडिया-एफ ने निर्धारित आठ ओवर में 128 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया… जवाब में झाबुआ मीडिया-ई ने मात्र पाँच ओवर में लक्ष्य हासिल कर शानदार जीत दर्ज की…
दूसरा मुकाबला मेघनगर नाइट राइडर्स और पेटलावद मीडिया क्लब के बीच खेला गया… मेघनगर ने 72 रन बनाए… वहीं पेटलावद मीडिया क्लब ने 77 रन बनाकर रोमांचक जीत हासिल की…
तीसरे मैच में झाबुआ मीडिया-ए ने मिक्स मीडिया मेघनगर को 46 रनों पर समेट दिया… और केवल 3.5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया…
चौथे मुकाबले में किंग्स-11 मीडिया मेघनगर ने 82 रन बनाए… जवाब में पेटलावद मीडिया क्लब ने 6.2 ओवर में ही लक्ष्य प्राप्त कर एकतरफा जीत दर्ज की…
पाँचवें और अंतिम मुकाबले में झाबुआ मीडिया-ए ने मिक्स मीडिया पारा-पिटोल को पराजित कर सेमीफाइनल में अपना स्थान सुनिश्चित किया…
दूसरे दिन खिलाड़ियों के लिए भोजन व्यवस्था स्वर्गीय अशोकसिंह राठौर की स्मृति में जिला क्रिकेट एसोसिएशन की संयुक्त सचिव एवं जिला महिला प्रभारी अर्चना राठौर की ओर से की गई…
मैचों में निर्णायक की भूमिका लालाभाई कप्तान… अमजद खान… उदय बिलवाल… नरेशराज पुरोहित… विनोद बढ़ई और दिनेश डूडवे ने निभाई… स्कोरर की जिम्मेदारी शंकर परमार और विनय वड़खिया ने संभाली… कमेंट्री अलग-अलग पत्रकारों द्वारा की गई…
अब सबकी निगाहें 21 दिसंबर रविवार पर टिकी हैं… जब दो सेमीफाइनल और एक फाइनल मुकाबला खेला जाएगा… समापन अवसर पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान… सांसद अनिता चौहान… पूर्व सांसद गुमानसिंह डामोर और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे की उपस्थिति प्रस्तावित है…
कुल मिलाकर झाबुआ मीडिया ट्रॉफी–2.0 सिर्फ़ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं… यह पत्रकारों के लिए आत्मसंतुलन… आपसी सौहार्द और नई ऊर्जा का उत्सव है… जहाँ कलम भी चल रही है… और बल्ला भी… और दोनों मिलकर लोकतंत्र की कहानी लिख रहे हैं…





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